पाकिस्तान नहीं, अब पापीस्तान कहो..’ सीजफायर तोड़ने पर भड़के राजस्थान के युवा
भारत-पाक सीमा पर सीजफायर उल्लंघन और आतंकी हमलों के बाद भारत में गुस्से की लहर। लोग अब पाकिस्तान को ‘पापीस्तान’ कह रहे हैं। ऑपरेशन सिंदूर और अमेरिकी मध्यस्थता के बावजूद तीन घंटे में ही संघर्षविराम टूट गया.

भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर चरम पर पहुंच गया है। 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद शुरू हुआ यह विवाद अब सीजफायर उल्लंघन के लगातार मामलों के चलते और उग्र होता जा रहा है। भारत ने इसका जवाब ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए दिया, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में नौ आतंकी ठिकानों को तबाह किया गया। इस सर्जिकल स्ट्राइक के बाद दोनों देशों ने अमेरिकी मध्यस्थता से 10 मई को संघर्षविराम पर सहमति जताई थी।
लेकिन यह शांति महज 3 घंटे की मेहमान निकली। पाकिस्तान ने सीजफायर का उल्लंघन कर न केवल विश्वास तोड़ा, बल्कि सीमा पर एक बार फिर से गोलाबारी और ड्रोन हमले शुरू कर दिए।
पाकिस्तान नहीं, अब 'पापीस्तान'
सीजफायर की लगातार अनदेखी और आतंकी हरकतों ने अब भारत में गुस्से की लहर पैदा कर दी है।
लोग अब पाकिस्तान को ‘पापीस्तान’ कहने लगे हैं। सोशल मीडिया पर #Paapistan ट्रेंड कर रहा है और आम नागरिक खुलकर इस नाराजगी को ज़ाहिर कर रहे हैं।
बाड़मेर के कैलाश कोटडिया ने लोकल18 से बातचीत में कहा, "पाकिस्तान में आतंकवाद और सरकार एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। कभी सेना आतंकियों को पनाह देती है, तो कभी सरकार उन्हें मदद देती है। यह देश नहीं, पाप का अड्डा बन गया है।"
सीजफायर समझौते को रौंद रहा पाकिस्तान
10 मई को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता में हुई समझौते के कुछ ही घंटों बाद पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात में गोलीबारी और ड्रोन हमले शुरू कर दिए। इस कार्रवाई ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या पाकिस्तान वाकई शांति चाहता है या यह सिर्फ राजनीतिक दिखावा है?
सीमा पर तैनात भारतीय जवान लगातार अलर्ट पर हैं, और गृह मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया है कि सीजफायर उल्लंघन का माकूल जवाब दिया जाएगा।
'शांति का ढोंग कर रहा है पापीस्तान'
राजस्थान के सीमा क्षेत्रों में रहने वाले युवाओं का कहना है कि अब बात खत्म हो चुकी है। भारत अब और चुप नहीं रहेगा। यह पापीस्तान है जहां शांति की बातें सिर्फ दिखावा हैं, असल में वहां का डीएनए आतंकवाद से बना है।"
देशभर के युवा, राजनीतिक विश्लेषक और आम नागरिक एक स्वर में कह रहे हैं कि पाकिस्तान की इस चालबाजी को अब राजनयिक नहीं, सैन्य भाषा में जवाब देना होगा।
आतंकवाद और सरकार की सांठगांठ?
पिछले कुछ वर्षों से अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी यह बात उठती रही है कि पाकिस्तान की सेना और वहां के आतंकवादी संगठनों के बीच प्रत्यक्ष संबंध हैं। भारत का आरोप है कि सरकार की मूक सहमति से आतंकी संगठन न केवल प्रशिक्षण लेते हैं, बल्कि सीमाओं पर हमलों को अंजाम देते हैं। ऑपरेशन सिंदूर के ज़रिए भारत ने यह दिखा दिया है कि अब आतंकी ठिकानों पर सीधे हमला ही एकमात्र विकल्प रह गया है।