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India-Pakistan Tension: पाकिस्तान की कूटनीति में आया ट्विस्ट, भारत के दोस्तों को बताया अपना

Pakistan Diplomatic Strategy: पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच कूटनीतिक जंग तेज हो गई है। पाकिस्तान अब भारत के करीबी देशों से समर्थन मांग रहा है। जानिए इस नई रणनीति के पीछे की पूरी कहानी।

India-Pakistan Tension: पाकिस्तान की कूटनीति में आया ट्विस्ट, भारत के दोस्तों को बताया अपना
पाकिस्तान की कूटनीति में आया ट्विस्ट

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए 26 हिंदुओं की निर्मम हत्या के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव खतरनाक मोड़ पर है। एक तरफ भारत अपने तेवरों में कोई नरमी नहीं बरत रहा, तो दूसरी ओर पाकिस्तान दुनिया के सामने खुद को ‘पीड़ित’ दिखाने की कोशिश में जुट गया है।

पाकिस्तान डरा, लेकिन रणनीति चालाक
पाक विदेश मंत्री इशाक डार ने मंगलवार को पाकिस्तान की सीनेट में बयान देते हुए कहा – “हम पहले हमला नहीं करेंगे, लेकिन भारत ने कुछ किया तो हम जवाब देना जानते हैं।” ये बयान जितना शांत लगता है, उसके पीछे डर और कूटनीतिक चाल दोनों छिपे हैं।

दोस्त या दिखावा?
इशाक डार ने दावा किया कि पाकिस्तान ने सऊदी अरब, UAE, तुर्की, चीन, अजरबैजान, कुवैत, ब्रिटेन, बहरीन और हंगरी जैसे देशों से बात की है। इनमें से कई देश भारत के बेहद करीबी हैं – खासकर सऊदी और UAE, जिनके साथ मोदी सरकार के रिश्ते सबसे मजबूत माने जाते हैं।

यह वही वक्त था जब पीएम मोदी सऊदी अरब की यात्रा पर थे, लेकिन जैसे ही पहलगाम की घटना की खबर मिली, वे बीच में ही दौरा रद्द कर वापस लौट आए। पाकिस्तान का इन देशों को 'अपना दोस्त' बताना कई सवाल खड़े करता है।

पुराने जख्म और नए डर
इशाक डार ने 2019 के पुलवामा हमले की याद दिलाई और कहा कि भारत ने उस वक्त धारा 370 हटाने का ‘बहाना’ बनाया था। अब उनका दावा है कि भारत इस बार भी कोई बड़ा कदम उठा सकता है जिससे उनकी खुफिया एजेंसियां अलर्ट पर हैं।

कूटनीति का यह नया चेहरा
एक तरफ भारत साफ कर चुका है कि इस बार कार्रवाई होगी, वहीं पाकिस्तान एक भावनात्मक अपील और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर समर्थन खोजने की कोशिश कर रहा है।
कूटनीति अब सिर्फ मीठे भाषणों का खेल नहीं, बल्कि साझेदारियां और रणनीतिक मजबूती का टेस्ट है।