कुछ बड़ा करने की तैयारी में भारत, War Mock Drill के क्या मायने, जानें पूरा इतिहास
7 मई 2025 को भारत के 244 जिलों में युद्ध स्तर पर मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा। 1971 के बाद पहली बार ऐसा अभ्यास हो रहा है, जिसका मकसद नागरिकों को आपातकालीन हालात में सुरक्षित रखने की तैयारी कराना है।

War mock drill history: 22 अप्रैल को आतंकियों ने पहलगाम में 27 टूरिस्टों को मौत के घाट उतार दिया। घटना के पीछे पाकिस्तान का हाथ है। जिसके बाद हर किसी की नजरें भारत सरकार पर टिकी हैं, अब क्या करने वाली है। घटना को 10 दिन से ज्यादा का वक्त बीत चुका है हालांकि अभी तक कोई एक्शन नहीं लिया गया है। इसी बीच सरकार द्वारा सभी राज्यों में वॉर मॉक ड्रिल आयोजित करने का आदेश दिया गया। जिससे पाकिस्तान की हवाइयां उड़ी हैं। बता दें, 7 मई को देश के 244 जिलों में मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा। ये कोई साधारण आदेश नहीं है। इससे पहले सरकार ने ऐसा ऑर्डर 1971 में दिया था। मॉक ड्रिल का उद्देश्य आपात स्थिति में नागरिकों की सुरक्षा के बारे में बताना है।
आखिर क्यों हो रही मॉक ड्रिल की चर्चा
गौरतलब है, भारत ने पहली बार युद्ध स्तर पर मॉक ड्रिल अभ्यास 1971 में किया था। जहां नागरिकों की सुरक्षा और हवाई हमले से बचने की ट्रेनिंग दी गई थी। इतने सालों बाद केंद्र सरकार द्वारा ये आदेश दिया गया है। जो किसी बड़े एक्शन की ओर इशारा करता है। साथ ही सरकार ये भी सुनिश्चित कर रही है, यदि पाकिस्तान कोई हरकत करता है तो उससे आम लोगों को नुकसान ना उठाना पड़े।
किस तरह की मॉक ड्रिल का होगा आयोजन ?
वॉर मॉक ड्रिल के तहत किसी भी तरह आपातकालीन स्थिति से मिलने की ट्रेनिंग दी जाती है। इसमें नागरिक, पुलिस और मेडिकल सेवाओ को शामिल किया जाता है। लोगों को सिखाया जाता है, यदि किसी भी तरह का हवाई हमला दुश्मन देश की ओर से किया जाता है किस तरह खुद की सुरक्षा करनी है। कैसे छुपने की जगह पर जाना है। ये एक्सरसाइज हमेशा रात के वक्त आयोजित की जाती है। जहां पूरा इलाके में ब्लैक आउट कर दिया जाता है। यानी बिजली की सप्लाई बंद हो जाती है ताकि दुश्मन देश की टारगेटिंग विफल की जा सके।