Pahalgam Attack: पाकिस्तान का पर्दाफाश! एनआईए की रिपोर्ट में लश्कर, ISI और POK का कनेक्शन साफ
Pahalgam Attack NIA Report: एनआईए की जांच में खुलासा, पहलगाम आतंकी हमले के पीछे लश्कर-ए-तैयबा, ISI और POK का हाथ। पाकिस्तान को बेनकाब करने की तैयारी, 26 निर्दोषों की शहादत की जांच रिपोर्ट में बड़ा खुलासा।

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के शांत और सुरम्य पहलगाम इलाके में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। इस हमले में 26 बेगुनाह टूरिस्टों की जान चली गई। भारत के दिल को लहूलुहान करने वाली इस वारदात के पीछे कौन है, इसका अब जवाब मिलने लगा है। और जवाब चौंकाने वाला नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए चेतावनी है।
एनआईए की प्रारंभिक रिपोर्ट: पाकिस्तान की साजिश बेनकाब
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने हमले की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंपने की तैयारी कर ली है। इस रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि इस हमले की साजिश पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI, पाकिस्तानी सेना और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने मिलकर रची थी। रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि आतंकी सीधे POK में बैठे हैंडलरों के संपर्क में थे।
3D मैपिंग, रिक्रिएशन और 150 गवाहों के बयान शामिल
एनआईए की रिपोर्ट सिर्फ बयानबाज़ी नहीं है, बल्कि इसमें तकनीकी विश्लेषण और ठोस फील्डवर्क का समावेश है। रिपोर्ट में 3D मैपिंग, घटना का रिक्रिएशन, और 150 से अधिक लोगों के दर्ज बयान शामिल हैं। यह बताता है कि भारत इस बार सिर्फ प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि निर्णायक कार्रवाई की ओर बढ़ रहा है।
ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGW): आतंक की जड़ में छिपे चेहरे
रिपोर्ट के अनुसार, इस आतंकी हमले में सबसे बड़ी भूमिका उन लोगों की थी जो जमीन पर आतंकियों की मदद कर रहे थे ओवरग्राउंड वर्कर। एनआईए ने अब तक 20 से अधिक OGW की पहचान की है, जिनमें से कई से पूछताछ चल रही है। निसार अहमद हाजी और मुस्ताक हुसैन जैसे नाम पहले भी सेना काफिले पर हुए हमलों में संलिप्त पाए गए हैं।
पाकिस्तान को वैश्विक मंच पर घेरने की तैयारी
भारत सरकार अब इस रिपोर्ट के आधार पर अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को घेरने की रणनीति बना रही है। रिपोर्ट को सार्वजनिक कर पाकिस्तान के झूठ और आतंक की नीतियों को दुनिया के सामने उजागर किया जाएगा।
क्या जुड़ा है यह हमला 2023 के जम्मू अटैक से?
सूत्रों के अनुसार, इस हमले का संबंध 2023 में जम्मू में सेना काफिले पर हुए हमले से भी जोड़ा जा रहा है। दोनों में ही लश्कर-ए-तैयबा की संलिप्तता सामने आई है। इससे यह सिद्ध होता है कि पाकिस्तान की आतंकी नीति एक लंबी साजिश का हिस्सा है, जो लगातार भारत की शांति पर हमला कर रही है।