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शहबाज शरीफ के भाषण में प्रोपेगेंडा ज़्यादा, हकीकत कम... भारत ने कहा- आतंकवाद पर कोई समझौता नहीं

सीजफायर की गुहार लगाने के बाद भी पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा। भारत ने किया स्पष्ट आतंकवाद पर कोई समझौता नहीं होगा। जानिए क्यों शहबाज शरीफ के बयान को झूठा प्रोपेगेंडा माना जा रहा है।

शहबाज शरीफ के भाषण में प्रोपेगेंडा ज़्यादा, हकीकत कम... भारत ने कहा- आतंकवाद पर कोई समझौता नहीं

भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में घोषित सीजफायर को पाकिस्तान ने महज़ कुछ घंटों में ही तोड़ दिया। LoC पर गोलीबारी और ड्रोन हमले फिर से शुरू हो गए हैं। इससे साफ हो गया है कि शहबाज शरीफ की सरकार और असीम मुनीर की सेना के बीच ना तो भरोसा है और ना ही नियंत्रण।

शहबाज का भाषण-सच से ज़्यादा प्रोपेगेंडा
राष्ट्र के नाम संबोधन में शहबाज शरीफ ने दावा किया कि पाकिस्तान ने भारत को करारा जवाब दिया और संघर्ष में जीत हासिल की। जबकि हकीकत यह है कि भारत की जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तानी आतंकी ढांचे को जबरदस्त नुकसान पहुंचा। शहबाज का यह दावा कि भारत अब कश्मीर पर बातचीत करेगा, पूरी तरह गलत है। भारत स्पष्ट कर चुका है कि जम्मू-कश्मीर उसका आंतरिक मामला है।

भारत की रणनीति-आतंकवाद पर ज़ीरो टॉलरेंस
भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और पाकिस्तान के भीतर 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया। इसके अलावा, सिंधु जल संधि को निलंबित करके पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर दबाव बनाया गया है। भारत ने पाकिस्तान को स्पष्ट संकेत दिया है कि जब तक आतंकवाद रहेगा, तब तक संवाद असंभव है।

‘परमाणु धमकी’ नहीं, हंसी का विषय
पाकिस्तान बार-बार अपने परमाणु हथियारों की धमकी देकर अंतरराष्ट्रीय ध्यान खींचना चाहता है, लेकिन आज की वैश्विक राजनीति में उसकी यह रणनीति असरहीन हो चुकी है। भारत ने अपनी कार्रवाई में सैन्य ठिकानों को नहीं, केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, जिससे उसकी रणनीतिक नैतिकता भी सिद्ध होती है।

तीसरे पक्ष की भूमिका-भारत ने साफ किया रुख
पाकिस्तान ने अमेरिका, तुर्की और सऊदी अरब जैसी शक्तियों की मध्यस्थता का जिक्र किया, लेकिन भारत ने दो टूक कहा कि कोई तीसरा पक्ष स्वीकार नहीं है। भारत और पाकिस्तान के बीच केवल द्विपक्षीय संवाद ही होगा—वह भी तब, जब आतंकवाद पूरी तरह बंद हो।

भारत की प्राथमिकता-आंतरिक सुरक्षा और सीमावर्ती शांति
भारत की नजर अभी भी LoC और आतंकी गतिविधियों पर पैनी है। सेना हाई अलर्ट पर है और हर चुनौती के लिए तैयार। भारत का उद्देश्य साफ है—आतंकी ढांचा खत्म करना और सीमा पर स्थायित्व लाना।