नष्ट हो गया पाकिस्तान का परमाणु ठिकाना? किराना हिल्स के नीचे क्या छिपा है खौफनाक सच!
Pakistan nuclear facility damaged: पाकिस्तान के किराना हिल्स स्थित परमाणु संयंत्र को लेकर सोशल मीडिया पर हलचल मची है। क्या भारत ने हमला किया या भूकंप से हुई तबाही? अमेरिकी B350 विमान और मिस्र का बोरॉन कार्गो क्यों पहुंचे पाकिस्तान? जानें पूरा रहस्य।

पाकिस्तान के सरगोधा जिले में स्थित किराना हिल्स को लेकर इन दिनों अंतरराष्ट्रीय सोशल मीडिया, सैटेलाइट विश्लेषण और गुप्त रिपोर्टों में हलचल मची हुई है। यह क्षेत्र दशकों से पाकिस्तान के परमाणु भंडारण और परीक्षण स्थल के रूप में चर्चित रहा है, लेकिन अब यह चर्चा एक संभावित हमले या बड़े हादसे के कारण चर्चा में है।
सोशल मीडिया का दावा: भारत ने मारा या भूकंप से हिला?
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के चरम पर पहुंचने के दौरान, कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि भारतीय वायुसेना ने किराना हिल्स के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया। वहीं एक भारतीय वैज्ञानिक डॉ. राम श्रीवास्तव ने यह भी दावा किया कि 12 मई को आए भूकंप ने इस न्यूक्लियर साइट को नुकसान पहुंचाया है। हालांकि इस वैज्ञानिक के अस्तित्व और दावे की पुष्टि नहीं हुई।
अमेरिकी परमाणु सुरक्षा विमान की मौजूदगी बनी रहस्य
इन अटकलों को हवा तब मिली जब उड़ान ट्रैकिंग वेबसाइटों पर अमेरिका के परमाणु आपातकालीन निगरानी विमान (B350 AMS) की गतिविधि पाकिस्तान के आसमान में देखी गई। इस विमान का काम है रेडियोधर्मी रिसाव को मापना। इसके पाकिस्तान में देखे जाने से ये संकेत मिले कि वहां कोई रेडिएशन संबंधी खतरा हो सकता है।
हालांकि, यह भी दावा है कि पाकिस्तान ने 2010 में इसी मॉडल का एक संस्करण खुद खरीदा था, और सोशल मीडिया में जिसे अमेरिकी विमान बताया जा रहा है, वो दरअसल पाकिस्तान का हो सकता है।
मिस्र का गुप्त कार्गो विमान और बोरॉन की खेप
इस रहस्य को और गहराया एक और रिपोर्ट ने, जिसमें बताया गया कि मिस्र से एक गुप्त कार्गो विमान पाकिस्तान पहुंचा, जिसमें बड़ी मात्रा में बोरॉन रसायन लाया गया। बोरॉन का उपयोग परमाणु संयंत्रों में सुरक्षा उपायों के रूप में किया जाता है। इससे अटकलें तेज हो गईं कि पाकिस्तान अपने परमाणु ठिकाने में कुछ गंभीर समस्या का सामना कर रहा है।
भारत की प्रतिक्रिया: रहस्य या रणनीति?
12 मई को प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब वायुसेना के एयर मार्शल ए.के. भारती से पूछा गया कि क्या भारत ने किराना हिल्स के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया, तो उन्होंने हल्के अंदाज़ में जवाब देते हुए कहा, “मुझे नहीं पता वहां कोई परमाणु संयंत्र है।” उनका यह जवाब न तो पुष्टि करता है और न ही खंडन और यहीं से रहस्य और भी गहरा हो गया।
भूकंप या परमाणु परीक्षण, क्या दोनों जुड़े हो सकते हैं?
नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) के वैज्ञानिकों ने स्पष्ट किया कि हालिया भूकंप प्राकृतिक थे। उन्होंने कहा कि परमाणु परीक्षण से उत्पन्न भूकंपीय तरंगें अलग प्रकार की होती हैं, और उनमें से किसी का भी संकेत नहीं मिला। फिर भी इतिहास में पोखरण 1998 और नॉर्थ कोरिया 2017 जैसे उदाहरण हैं, जब परमाणु परीक्षणों के बाद हल्के भूकंप देखे गए।
तो क्या किराना हिल्स में सचमुच कुछ हुआ है?
संकेत और घटनाएं बता रही हैं कि कुछ गंभीर अवश्य हुआ है। चाहे वो सैटेलाइट इमेज में मुशाफ एयरबेस का नुकसान हो, अमेरिकी B350 विमान की मौजूदगी, मिस्र से बोरॉन की खेप, या सोशल मीडिया पर तैरते दावे पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम के इर्द-गिर्द चुप्पी और हड़बड़ी का माहौल है।