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‘यह तो सिर्फ ट्रेलर था…’ ऑपरेशन सिंदूर की फौलादी आवाज बने राजनाथ सिंह, जिनके बोल से कांप उठा पाकिस्तान!

Rajnath Singh Statement on Operation Sindoor:  ऑपरेशन सिंदूर के पहले और बाद में राजनाथ सिंह की बयानबाज़ी ने भारत की सैन्य नीति को नई आवाज दी। ‘यह सिर्फ ट्रेलर है’ से लेकर हर चेतावनी बनी हकीकत। जानिए कैसे रक्षा मंत्री ने बौखलाया पाकिस्तान।

‘यह तो सिर्फ ट्रेलर था…’ ऑपरेशन सिंदूर की फौलादी आवाज बने राजनाथ सिंह, जिनके बोल से कांप उठा पाकिस्तान!
ऑपरेशन सिंदूर की फौलादी आवाज बने राजनाथ सिं

शांत और संयमित छवि वाले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अब भारत की सैन्य आक्रामकता की सबसे मुखर आवाज बन चुके हैं। ऑपरेशन सिंदूर के पहले और बाद में उनका बयान, भाषा और भाव जिस तरह बदलता गया, उसने पाकिस्तान ही नहीं, पूरे विश्व को यह संदेश दे दिया कि नई दिल्ली अब चुप नहीं बैठेगी।

23 अप्रैल: पहली धमक
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हिंदू पर्यटकों की हत्या के बाद जब देश आक्रोश में था, तब राजनाथ सिंह ने सबसे पहले मोर्चा संभाला।
अर्जन सिंह मेमोरियल लेक्चर में उन्होंने कहा कि हम सिर्फ आतंकियों तक नहीं जाएंगे, उनके मास्टरमाइंड तक भी पहुंचेंगे। भारत की जमीन पर नापाक मंशा रखने वालों को बहुत भारी कीमत चुकानी होगी।

यह बयान आगामी सैन्य कार्रवाई की स्पष्ट चेतावनी था – और यह चेतावनी जल्द ही हकीकत में बदल गई।

4 मई: "जो आप चाहते हैं, वही होगा"
देश में जब जवाबी हमले को लेकर बेचैनी थी, तब दिल्ली के एक कार्यक्रम में सिंह ने साफ कहा:

"प्रधानमंत्री के नेतृत्व में आप जो चाहते हैं, वह अवश्य होगा। सेना तैयार है। बुरी नीयत वालों को मुँहतोड़ जवाब देना मेरा धर्म है।" यह बयान सिर्फ आश्वासन नहीं, एक स्ट्राइक टाइमलाइन का संकेत था।

 7 मई: जब ‘कथन’ बना ‘कार्रवाई’ – ऑपरेशन सिंदूर शुरू
चार दिन तक चले ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान के 11 एयरबेस, 40 आतंकी ठिकानों और 200+ लड़ाकों को निशाना बनाया।
इसी दौरान राजनाथ सिंह की सबसे चर्चित लाइन आई:

"ये तो सिर्फ ट्रेलर है… पिक्चर अभी बाकी है।"
यह वाक्य सोशल मीडिया और न्यूज़ चैनलों पर रणनीतिक वार क्रांति का स्लोगन बन गया।

अब केवल रक्षा मंत्री नहीं, राष्ट्र की स्टील बॉइस
राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर से पहले जिस तरह सटीक और ठोस शब्दों में चेतावनी दी और बाद में उसी दृढ़ता से परिणाम का ऐलान किया, उसने उन्हें इस पूरे ऑपरेशन में एक नायक की तरह उभारा। उनकी भूमिका यह स्पष्ट करती है कि अब भारत चुपचाप नहीं, सुनियोजित और सुनियाई हमले के साथ जवाब देगा।