वॉर मॉक ड्रिल इशारा है बड़े एक्शन का? राजस्थान में हाई अलर्ट, ये शहर अति संवेदनशील !
War Mock Drill India: 7 मई को 244 जिलों में वॉर मॉक ड्रिल का आदेश जारी किया गया है, जिसमें राजस्थान के कई संवेदनशील शहरों को शामिल किया गया है। यह ड्रिल 1971 युद्ध के बाद पहली बार हो रही है और भारत-पाक तनाव के बीच इसे बेहद अहम माना जा रहा है।

जयपुर। पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। घटना को 10 दिन से ज्यादा का समय बीत चुका है लेकिन अभी तक केंद्र सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया है। इसी बीच गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को 7 मई को वॉर मॉक ड्रिल करने के आदेश दिये हैं।ये कोई साधारण चीज नहीं है। ये अभ्यास आखिरी बार 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के बीच किया गया था। सरकार के इस आदेश के बाद ये कयास लगाए जा रहे है, भारत कुछ बड़ा करने की प्लानिंग कर रहा है। इसी बीच राजस्थान में भी मॉक ड्रिल की पूरी तैयारी कर ली गई है।
राजस्थान के इन शहरों में मॉक ड्रिल
प्रदेश के अजमेर, भरतपुर, अलवर बाड़मेर, बीकानेर, बूंदी, हनुमानगढ़, गंगानगर, जयपुर, जैसलमेर, उदयपुर, जोधपुर, सीकर, सूरतगढ़, आबू रोड, भिवाड़ी, नसीराबाद, फुलेरा, नागौर, जालौर, बेवार, लालगढ़,सवाईमाधोपुर, पीला, भीलवाड़ा, में मॉक ड्रिल किया जाएगा। इन्हें तीन भागों में बांटा गया है, जहां सबसे संवेदनशील इलाके रावतभाता और कोटा हैं। रावतभांटा में न्यूक्लियर पावर प्लांट स्थित है, यहां से कोटा केवल 30-40 मिनट की दूरी पर है। इस वजह से दोनों सेंस्टिव एरिया जोन में रखा गया है।
मॉक ड्रिल में क्या होगा ?
1) यदि दुश्मन देश हमला करता है तो इसकी जानकारी देने के लिए सायरन बजाया जाएगा।
2) अचानक हमला हो गया है तो स्थानीय नागरिक खुद की सुरक्षा कैसे करें, इसके बारे में बताया जाएगा।
3) मॉक ड्रिल के दौरान ब्लैक आउट भी किया जाएगा, ताकि दुश्मन का टारगेट फेल हो जाए।
4) मॉक ड्रिल में महत्वपूर्ण प्लांट को छिपाना या दुश्मनों को गुमराह करने की तकनीक पर विचार किया जाएगा।
5) लोगों को खाली स्थान पर ले जाने की ट्रेनिंग की जाएगी।
6) सेनाओं के साथ किस तरह जानकारी साझा करें, इसकी ट्रेनिंग भी दी लोगों को दी जाएगी।