Rajasthan Assembly: सालों पुराना मिथक टूटा... दूर हुआ विधानसभा का वास्तुदोष ! कार्पेट के रंग बदलने की inside story
राजस्थान विधानसभा के सत्र की कार्यवाही का आज पहला दिन था। आज का दिन जहां सदन की गहमागहमी के चलते चर्चा में था तो वहीं एक ऐसी चीज थी जिसको लेकर सबसे ज्यादा बात की गई और वो है विधानसभा के कार्पेट का कलर।

राजस्थान विधानसभा के इस सत्र की कार्यवाही का आज पहला दिन था। आज का दिन कई मायनों में चर्चा में रहा। पहला तो सदन में राज्यपाल बागड़े के अभिभाषण के दौरान कांग्रेस का हंगामा और दूसरा राजस्थान विधानसभा के कार्पेट का रंग।
राजस्थान विधानसभा में जब से कार्पेट का रंग बदला है सियासत को इसने हवा दे दिया है। कोई इसे सालों पुराना मिथक बता रहा है जो अब खत्म हुआ तो कोई इसे वास्तुदोष से जोड़कर देख रहा है।
स्पीकर वासुदेव देवनानी ने क्या बताया ?
राजस्थान विधानसभा के स्पीकर वासुदेव देवनानी ने कहा कि में कार्पेट के रंग में बदलाव वास्तु शास्त्र के आधार पर किया गया है। सत्र से पहले विधानसभा भवन में वास्तुशास्त्रियों के दिए गए सुझावों ते अनुसार बदलाव तिए गए हैं। खास तौर पर विधानसभआ में एंट्री के लिए पूर्वी द्वार और एग्जिट के लिए पश्चिमी द्वार तय किया गया है। उन्होंने कहा कि ये बदलाव सकारात्मक ऊर्जा सुनिश्चित करने के लिए किए गए हैं।
सदन में स्पीकर देवनानी ने कहा कि यह कोशिश है कि सालों से चले आ रहे मिथक टूट जाएं और आगामी चार साल में सभी 200 विधायक हर सत्र में मौजूद रहें। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आने वाले समय में और बदलाव किए जाएंगे। ऐसा विधानसभा की कार्यवाही को प्रभावी और अनुशासित बनाने के लिए किया जा रहा है।
बता दें कि बीते कई सालों से राजस्थान विधानसभा में सभी विधायक एक साथ मौजूद नहीं हो पा रहे थे। ऐसा कहा जा रहा था कि इसकी एक वजह वास्तुदोष भी है। कई बार यह मुद्दा सदन में उठ भी चुका है।
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सरकार को घेरा
सदन में कारपेट का रंग बदलने को लेकर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सरकार को घेरा है। टीकाराम जूली ने कहा कि पहले सदन में हरे रंग का कार्पेट हुआ करता था जो किसानों और हरियाली का प्रतीक था। लेकिन अब सरकार ने इसे बदलकर गुलाबी करा दिया, जो राजसी ठाठ का है।