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Rajasthan: किरोड़ी लाल के तेवर से भजनलाल सरकार में बेचैनी, अपनाएंगे पायलट की राह ! पढ़ें यहां

राजस्थान में किरोड़ी लाल मीणा ने बीजेपी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला, क्या सचिन पायलट की तरह करेंगे बगावत? भजनलाल सरकार में आंतरिक कलह, पढ़ें पूरी खबर।

Rajasthan: किरोड़ी लाल के तेवर से भजनलाल सरकार में बेचैनी, अपनाएंगे पायलट की राह ! पढ़ें यहां

राजस्थान में विधानसभा सत की शुरुआत के साथ किरोड़ लाल मीणा ने बड़ा बम फोड़ दिया है। विपक्ष छोड़ छोड़िए बाबा किरोड़ी ने अपने ही पार्टी को कटघरे में खड़ा कर दिया। उनका बयान आग की तरह सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसके बाद कयास लगाए जा रहे हैं, क्या आने वाले समय में किरोड़ी लाल पायलट की राह अपनाएंगे। सबसे पहले आप ये वीडियो देखिए-

BJP पर फायर हुए किरोड़ी लाल मीणा

बजट सत्र की शुरुआत के साथ किरोड़ी लाल मीणा के बयान भजनलाल सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, मैं कभी हां में हां नहीं मिलाता। जो ना कहता है, उसे अक्सर परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वहीं, मीडिया ने उनसे बजट सत्र में अनुपस्थित रहने पर सवाल किया तो बाबा किरोड़ी ने ये सवाल स्पीकर से पूछा जाना चाहिए। स्वास्थ्य कभी भी बिगड़ जाता, लोगों को चलते-चलते हार्ट अटैक तो आ रहा है। अगर मेरी तबियत ठीक नहीं है तो इसमें कौन सी बड़ी बात हो गई। 

किरोड़ी लाल मीणा यही नहीं रुके, उन्होंने कहा,जो लोग हां में हां मिलाते है। वही अब टिकटे हैं। हां के दरबार में अगर कोई ना कहेगा तो बलिदान उसका होगा। उन्होंने राजनीतिक जीवन का जिक्र करते हुए कहा- जब मैं विपक्ष में था तो पांच सालों तक संघर्ष करता रहा लेकिन बीजेपी कार्यालय में उन्हें एक प्रेसवार्ता तक नहीं करने दी गई। इस दौरान वह पेपर लीक और भ्रष्टाचार के मुद्दों का जिक्र करते भी नजर आए। 

बीजेपी से दूरी बना रहे किरोड़ीलाल मीणा !

किरोड़ी लाल मीणा लोकसभा चुनाव में मिली हार की जिम्मेदारी लेते हुए मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके हैं हालांकि इसे अभी तक स्वीकार नहीं किया गया। बीते दिनों मीणा कह चुके हैं, ये मंत्री पद उनके लिए गले की घंटी हैं जिसे वह जल्द से जल्द उतारना चाहते हैं। कुल मिलाकर उनके बयानों से समझ आने लगा है, भजनलाल सरकार ने 13 महीनों में जैसा व्यहवार बाबा के साथ किया है, वह उससे नाराज हैं। कहा तो ये भी जा रहा है, यदि ऐसा ही चलता रहा तो बीजेपी का हाल कांग्रेस जैसा होगा। 

बीजेपी में बढ़ रही आंतरिक कलह 

2018 के दौर सभी को याद है, जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी और सीएम पद के लिए अशोक गहलोत और सचिन पायलट आमने-सामने आ गए। आलाकमान ने गहलोत पर विश्वास जताते हुए सत्ता की चाबी सौंपी लेकिन समय के साथ ये तकरार बढ़ती गई और खुलकर सामने आ गई। 2020 तक पायलट अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल चुके थे। उस वक्त ऐसा लगने लगा था, कही सचिन पायलट भी बागी तेवर अपनाकर पार्टी न छोड़ दें लेकिन ऐसा नहीं हुआ। किसी तरह कांग्रेस ने सत्ता में पांच साल पूरे किये लेकिन 2023 के विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। कहा जाता है, कांग्रेस में पायलट को पूर्ण सम्मान न मिलने से गर्जर समाज नाराज था। ऐसा ही हाल अब किरोड़ लाल मीणा के साथ देखने को मिल रहा है। बाबा के समर्थकों को उम्मीद थी, उन्हें पसंदीदा सीएम मिलेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बाबा खुलकर अपनी बात कर रहे हैं। अगर वह इसी तरह हावी रहे तो भजनलाल सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा,बीजेपी इस परिस्थिति से कैसे निपटती है।