Budget 2025: उम्मीदों भरा होगा इस बार का बजट ! किन प्वाइंट्स पर टिकी होंगी सबकी निगाहें ?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जल्द ही देश का बजट पेश करने वाली हैं। इस बार के बजट में किन बातों पर फोकस होगा आइए जानते हैं-

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस बार 2025-26 के लिए केंद्रीय बजट पेश करेंगी। जिसमें राजकोषीय घाटे, पूंजीगत व्यय और मध्यम वर्ग के लिए कर राहत पर ध्यान देने पर फोकस होगा। इसके अलावा वित्त वर्ष 2026 के लिए 4.5% का लक्ष्य राजकोषीय घाटा, सरकारी उधारी और जीएसटी राजस्व अनुमान शामिल हैं।
लगातार आठवां बजट पेश करेंगी निर्मला सीतारमण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपना लगातार आठवां बजट पेश करेंगी और सभी की निगाहें मध्यम वर्ग के लिए बहुप्रतीक्षित कर राहत पर होंगी। इस वर्ष का बजट पेपरलेस रूप में होगा, जैसा कि पिछले तीन वर्षों में किया गया है।
इन प्वाइंट्स पर होगा फोकस
राजकोषीय घाटा- चालू वित्त वर्ष (अप्रैल 2024 से मार्च 2025) के लिए बजटीय राजकोषीय घाटा, जो सरकारी व्यय और आय के बीच का अंतर है उसमें सकल घरेलू उत्पाद का 4.9 प्रतिशत अनुमानित है। राजकोषीय समेकन रोडमैप के अनुसार, वित्त वर्ष 2026 में घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 4.5 प्रतिशत तक लाया जाना है। वित्तीय वर्ष 26 के बजट में घाटे के आंकड़े पर बाजार की नजर रहेगी।
पूंजीगत व्यय- इस वित्तीय वर्ष के लिए सरकार का नियोजित पूंजीगत व्यय 11.1 लाख करोड़ रुपये है। हालांकि लोकसभा चुनाव की वजह से पहले चार महीनों में धीमे सरकारी खर्च से पूंजीगत व्यय चक्र में देरी हुई और चालू वित्त वर्ष के लिए अंतिम संख्या बजट से कम रहने की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2026 के बजट में भी पूंजीगत व्यय की गति जारी रहने की उम्मीद है।
ऋण रोडमैप- वित्त मंत्री ने अपने 2024-25 के बजट भाषण में कहा था कि 2026-27 से राजकोषीय नीति का प्रयास राजकोषीय घाटे को इस तरह से बनाए रखना होगा कि केंद्र सरकार का कर्ज गिरावट के रास्ते पर रहे। 2024 में सामान्य सरकारी ऋण-जीडीपी अनुपात 85 प्रतिशत था, जिसमें केंद्र सरकार का 57 प्रतिशत ऋण शामिल था।