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जाति के हिसाब से फिक्स थे धर्मांतरण के रेट

मास्टर माइंड छांगुर बाबा पुलिस की गिरफ्त में 
100 करोड़ की विदेशी फंडिंग से नेटवर्क
3 करोड़ की अवैध कोठी पर चला सरकार का बुलडोजर 
ईडी ने भी दर्ज किया केस

जाति के हिसाब से फिक्स थे धर्मांतरण के रेट

बलरामपुर, उत्तर प्रदेश। 
उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने एक बड़े धर्मांतरण रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए बलरामपुर जिले से मुख्य आरोपी जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा को गिरफ्तार कर लिया है। छांगुर बाबा पर 50,000 रुपए का इनाम घोषित था। गिरफ़्तारी के साथ ही इस रैकेट से जुड़ी कई सनसनीखेज जानकारियां सामने आई हैं। इधर मामले का भंडाफोड़ होने के बाद बलरामपुर में धर्मांतरण के मास्टरमाइंड छांगुर बाबा की कोठी पर यूपी सरकार का बुलडोजर चलना शुरू हो गया है। सोमवार को कोठी पर नोटिस चस्पा किया गया था। मंगलवार को प्रशासन की टीम तीन बुलडोजरों के साथ पहुंची और अवैध निर्माण को तोड़ना शुरू कर दिया।
इस दौरान 200 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात रहे। प्रशासन का कहना है कि छांगुर बाबा इसी कोठी से धर्मांतरण रैकेट चला रहा था, हालांकि यह कोठी उसके नाम नहीं थी।

जाति के हिसाब से फिक्स थे धर्मांतरण के रेट
एसटीएफ की जांच में सामने आया है कि छांगुर बाबा हिंदू लड़कियों के धर्मांतरण के लिए जाति के आधार पर रेट तय करता था:
ब्राह्मण/क्षत्रिय/सिख लड़की: ₹15-16 लाख
पिछड़ी जाति की लड़की: ₹10-12 लाख
अन्य जातियाँ: ₹8-10 लाख
यह रकम एजेंटों के माध्यम से दी जाती थी और गरीब लड़कियों को आसानी से लालच में फंसाया जाता था।

ब्रेनवॉश के लिए पुस्तक का उपयोग
छांगुर बाबा ‘शिजर-ए-तैय्यबा’ नामक पुस्तक से लड़कियों और युवकों का ब्रेनवॉश करता था। इस किताब का प्रयोग लव जिहाद को बढ़ावा देने के लिए किया जाता था।

"घर वापसी" के मामलों से टूटा जाल
हाल ही में कई लोगों की घर वापसी की घटनाएं सामने आई थीं, जिससे इस गिरोह पर नजर गई। इसके बाद एसटीएफ की टीम ने बलरामपुर के मधपुर गांव में छापेमारी कर छांगुर बाबा और उसकी साथी नीतू उर्फ नसरीन को गिरफ्तार किया।

बेटी के बराबर उम्र की युवती के साथ 70 दिन से होटल में छिपा 
छांगुर बाबा लखनऊ के एक होटल में नसरीन के साथ 70 दिनों से छिपकर रह रहा था। दोनों पति-पत्नी की तरह साथ रह रहे थे और अधिकतर समय कमरे में ही रहते थे।

100 करोड़ की विदेशी फंडिंग से नेटवर्क
जांच में खुलासा हुआ है कि इस पूरे नेटवर्क को खाड़ी देशों से ₹100 करोड़ से ज्यादा की फंडिंग मिली थी। इस राशि का उपयोग बगले, लग्जरी गाड़ियां, शोरूम और 40 से ज्यादा बैंक खातों में लेन-देन जैसी चीजों में किया गया। गिरोह के सदस्यों ने 40 बार इस्लामिक देशों की यात्राएं भी की थीं। 

3 करोड़ की अवैध कोठी 
बलरामपुर में छांगुर बाबा की 3 करोड़ की लागत से बनी अवैध कोठी को भी प्रशासन ने चिन्हित कर ध्वस्त करना शुरू किया है। इस कोठी में 40 कमरे 10 CCTV कैमरे इलेक्ट्रिक करंट वाली बाउंड्री थी। जमीन सरकारी थी और कब्जा कर कोठी बनाई गई थी।

ईडी ने भी दर्ज किया केस
अब इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी केस दर्ज कर लिया है। छांगुर बाबा और उसके साथियों से पूछताछ की जाएगी कि फंडिंग कहां से आई और कैसे उपयोग की गई।

निष्कर्ष:
यह मामला दिखाता है कि कैसे संगठित गिरोह धार्मिक भावनाओं का दुरुपयोग कर, विदेश से फंड लेकर भारत की सामाजिक संरचना पर हमला कर रहे हैं। एसटीएफ और ईडी की जांच इस नेटवर्क की गहराई तक जाने की तैयारी में है।