सैनाचार्य जी की प्रेरणा से सैकड़ों लोगों ने छोड़ी नशे रूपी बुराई
रातानाडा स्थित माहेश्वरी जनोपयोगी भवन में गुरु पूर्णिमा महोत्सव
40 से अधिक संगठनों की ओर से सैनाचार्य जी का अभिनंदन
'सैनाचार्य जी का यहीं सन्देश, नशामुक्त हो सारा देश'
एक गैर राजनीतिक सन्त है सैनाचार्य जी महाराज

जोधपुर। गुरु पूर्णिमा के पावन पर पर रातानाडा स्थित माहेश्वरी जनोपयोगी भवन में सैनाचार्य स्वामी अचलानंद गिरि महाराज के सान्निध्य में गुरु पूर्णिमा महोत्सव श्रद्धा व उल्लास से मनाया गया।
इस मौके पर सैनाचार्य के प्रतिनिधि रघुवीरसिंह भदावत व मदन सैन ने बताया कि समाजसेवी बसंत पंडित के मुख्य आतिथ्य तथा समाजसेवी बलजीत सिंह चौधरी की अध्यक्षता में यह कार्यक्रम आयोजित हुआ। जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने सैनाचार्य जी महाराज की प्रेरणा से नशे रूपी बुराई को त्यागने, पर्यावरण संरक्षण के लिए अधिकाधिक पौधे लगाने व शिक्षा को बढ़ावा देने का संकल्प लिया। इस मौके विश्व हिंदू परिषद, दुर्गा वाहिनी, हिंदू सेवा मंडल, माहेश्वरी, अग्रवाल, ओसवाल, घांची, खत्री समाज सहित सैन समाज के 40 से अधिक संगठनों की ओर से सैनाचार्य का अभिंदन किया गया।
कार्यक्रम में बलरामपुर राजघराने की राजमाता वंदना सिंह, जयेंद्र सिंह, कैबिनेट मंत्री जोगाराम पटेल, पूर्व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया, राज्य मंत्री केके विश्नोई, मध्यप्रदेश के सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी, विधायक अतुल भंसाली, कांग्रेस नेता राजेंद्र सिंह सोलंकी, करणसिंह उचियारड़ा, पूर्व विधायक मनीषा पंवार विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
आगंतुक अतिथियों का सुरेश बुगालिया, देवेंद्र बुगालिया, गोपाल चौधरी, नरेंद्र पंवार, गौरव बागड़ी, महावीरसिंह गंठिया, गणपतसिंह राजपुरोहित, मुन्नालाल सांखला आदि ने स्वागत किया। इस मौके वात्सल्यपुरम के बच्चों को सैनाचार्य ने आर्थिक सहयोग प्रदान कर आशीर्वाद दिया। इससे पूर्व जुगल जोड़ी बाबा रामदेव मंदिर में अलसुबह मंगल आरती से हुई। इसके बाद बाबा रामदेव व रानी नेत्तल की प्रतिमा का पंचामृत से अभिषेक कर विशेष रूप से शृंगारित किया गया। सुबह 10 बजे बैंड-बाजों के साथ सैनाचार्य सैकड़ों श्रद्धालुओं के साथ शोभायात्रा के रूप में रातानाडा स्थित माहेश्वरी जनोपयोगी भवन पहुंचे। यहां चरण पादूका पूजन, गुरु वंदन, गुरु महाराज का अभिनंदन, महाप्रसादी, सेवा कार्य सहित अनेक आयोजन हुए।
सैनाचार्य स्वामी अचलानंद गिरि महाराज के बारे में
श्री सैनाचार्य जी महाराज का जन्म 30 अप्रेल 1955 को जोधपुर जिले की ओसियां तहसील के एक छोटे से ग्राम ‘खिन्दाकौर’ में श्री राजूरामजी सैन के पुत्र के रूप में हुआ। ईश्वर की कृपा व पूर्वजन्म के उच्च संस्कारों के कारण श्री सैनाचार्यजी बचपन से ही जन कल्याण के लिए बड़े संवेदनशील थे और इन कारणों से 14 वर्ष की आयु में ही उन्होंने सन्यास ग्रहण कर लिया। अपनी तपस्या, ध्यान एवं साधना से उनमें आत्मशक्ति जागृत हुई और बाबा रामदेव व रानी नैतलहे के साक्षात्कार होने के बाद सैनाचार्यजी वापस जोधपुर आ गए और राईका बाग, जोधपुर में जुगजोड़ी बाबा रामदेव के मंदिर की स्थापना की। यह मंदिर आज विश्व में मात्र एक ही है।
बाबा रामदेव को आराध्य मान शुरू किया अध्यात्म और सेवा कार्य
पिछले 40-50 वर्षों से सैनाचार्य जी बाबा रामदेव जी को अपना आराध्यदेव मानकर सतत वैदिक हवन अनुष्ठान, सत्संग, कीर्तन, आदि करते आ रहे है। मंदिर में 5 बार की आरती भी करते रहे है। धूण पर सैकड़ों हजारों श्रद्धालु प्रतिदिन मंदिर में आते हैं और अपनी विभिन्न समस्याओं, बीमारियों के उपचार हेतु सैनाचार्य जी अपने मंत्रों द्वारा उनकी समस्याओं का निवारण करते है। इसके अलावा 2001 में गुजरात में भयंकर भूकंप आया था, जिसमें भूकंप पीड़ितों की सहायता के लिए सैनाचार्य जी ने कई ट्रकों द्वारा खाने-पीने का सामान, कपड़ें आदि गुजरात भिजवाए। भूकंप पीड़ितों के लिए 500 मकान बनाने की व्यवस्था करवाई। इसी प्रकार बाड़मेर जिले के कवास में भयंकर बाढ़ आई। इसमें भी बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए खाद्य पदार्थ एवं कपड़े आदि भिजवाए।
'सैनाचार्य जी का यहीं सन्देश, नशामुक्त हो सारा देश'
सैनाचार्य जी का मुख्य सन्देश समाज को नशामुक्त करने का है और इन्होंने एक नारा दिया है 'सैनाचार्य जी का यहीं सन्देश, नशामुक्त हो सारा देश'। इस दिशा में सैनाचार्य जी जगह-जगह जनसभाएं, सेमिनार, शिविर, आदि का आयोजन करके अपने अभियान को आगे बढ़ा रहे है। विशेष बात यह है कि सैनाचार्य जी एक गैर राजनीतिक सन्त है और सभी राजनैतिक दलों के नेता इनसे आशीर्वाद लेते रहते है। सैनाचार्यजी प्रत्येक कुंभ के अवसर पर एक-एक महीने का शिविर लगाते हैं जिनमें हजारों साधु-सन्त, श्रद्धालुओं के लिए निःशुल्क भण्डारा व निवास की व्यवस्था करते है।