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हर-हर महादेव! श्रद्धा, उत्साह और आस्था के साथ खुले केदारनाथ धाम के कपाट

Kedarnath Dham 2025: केदारनाथ धाम के कपाट आज सुबह विधिवत पूजा के बाद श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। मंत्रोच्चार और फूल वर्षा के साथ शुरू हुआ दर्शन, मंदिर को 108 क्विंटल फूलों से सजाया गया।

हर-हर महादेव! श्रद्धा, उत्साह और आस्था के साथ खुले केदारनाथ धाम के कपाट
आस्था के साथ खुले केदारनाथ धाम के कपाट

उत्तराखंड के पावन केदारनाथ धाम के कपाट शुक्रवार सुबह विधिवत पूजा-अर्चना के बाद श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिए गए। जैसे ही महादेव के जयकारों की गूंज आसमान में फैली, बाबा केदार की नगरी में अलौकिक ऊर्जा का संचार हो गया। वैदिक मंत्रोच्चार, ढोल-नगाड़ों और घंटियों की गूंज के बीच बाबा के कपाट खुले, और श्रद्धा से ओत-प्रोत हज़ारों भक्तों ने दर्शन कर जीवन को धन्य किया।

शीतकालीन विश्राम के बाद फिर जागी आस्था
प्रत्येक वर्ष की भांति इस बार भी भारी हिमपात के कारण केदारनाथ के कपाट नवंबर में बंद कर दिए गए थे। लेकिन जैसे ही गर्मी ने दस्तक दी, बाबा के पुनः दर्शन के द्वार खुल गए। 2 मई 2025 को महाशिवरात्रि पर कपाट खुलने की तारीख तय हुई थी, और उसी के अनुसार आज सुबह 7 बजे कपाट खुले।

पंचमुखी डोली के साथ शुरू हुई आध्यात्मिक यात्रा
कपाट खुलने की प्रक्रिया 27 अप्रैल को ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में भैरव पूजा से शुरू हुई थी। बाबा केदार की पंचमुखी डोली क्रमशः गुप्तकाशी, फाटा, गौरीकुंड होते हुए 1 मई को केदारनाथ पहुंची। मंदिर को 108 क्विंटल फूलों से सजाया गया और कपाट खुलने के साथ ही हेलिकॉप्टर से फूलों की वर्षा की गई—जिसने पूरे क्षेत्र को दिव्यता से भर दिया।

मुख्यमंत्री धामी भी बने साक्षी
इस पावन अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं केदारनाथ धाम पहुंचे और विधिवत पूजा-अर्चना की। उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की कि दर्शन के साथ-साथ पर्यावरण और व्यवस्था का भी पूरा ध्यान रखें।

ज्योतिर्लिंग में स्वयं विराजमान हैं शिव
केदारनाथ मंदिर बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। मान्यता है कि यहां शिव स्वयंभू लिंग रूप में विराजमान हैं। कपाट बंद करने से पहले मंदिर में दीपक जलाया जाता है और आश्चर्यजनक रूप से छह माह बाद जब कपाट खोले जाते हैं, तो वह दीपक आज भी जलता हुआ पाया जाता है। यह न केवल एक आस्था है, बल्कि एक चमत्कार भी है, जो हर भक्त को भावविभोर कर देता है।

धार्मिक दर्शन के साथ प्रकृति की गोद में विश्राम
केदारनाथ धाम केवल धार्मिक दृष्टि से नहीं, बल्कि प्राकृतिक सौंदर्य के लिहाज से भी अनमोल है। दर्शन के बाद श्रद्धालु गांधी सरोवर, वासुकी ताल, गौरीकुंड मंदिर, आदि शंकराचार्य की समाधि, रुद्रगुफा और मंदाकिनी नदी के किनारे स्थित गर्म पानी के झरनों का आनंद ले सकते हैं। यहां हर कदम पर आस्था और प्रकृति का अनूठा संगम है।