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उज्जैन: इस सावन 6 बार निकलेगी बाबा महाकाल की सवारी

सवारी की तिथि, धार्मिक महत्व और इतिहास

उज्जैन: इस सावन 6 बार निकलेगी बाबा महाकाल की सवारी

उज्जैन में 14 जुलाई को सावन के पहले सोमवार के मौके पर बाबा महाकाल की पहली सवारी निकाली गई। हजारों श्रद्धालु इस आयोजन में शामिल हुए। आइए जानते हैं महाकाल की सवारी का इतिहास, तिथि और धार्मिक महत्व।

महाकाल की सवारी का इतिहास
उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर को 12 ज्योतिर्लिंगों में खास स्थान प्राप्त है। मान्यता है कि महाकालेश्वर स्वयंभू ज्योतिर्लिंग हैं। महाकाल की सवारी की परंपरा की शुरुआत राजा भोज ने की थी। इस सवारी में रथ, हाथी और घुड़सवारों के साथ भगवान महाकाल का नगर भ्रमण कराया जाता है।

महाकाल सवारी 2025 की तिथियां

पहली सवारी: 14 जुलाई 2025
दूसरी सवारी: 21 जुलाई 2025
तीसरी सवारी: 28 जुलाई 2025
चौथी सवारी: 4 अगस्त 2025
पांचवीं सवारी: 11 अगस्त 2025
छठी सवारी: 18 अगस्त 2025

धार्मिक महत्व
महाकाल की सवारी शक्ति और महिमा का प्रतीक मानी जाती है। रथ यात्रा के दौरान महाकाल को नगर भ्रमण कराया जाता है। भक्त जयकारों के साथ यात्रा में भाग लेते हैं। तलवारबाज और घुड़सवार भी इस यात्रा में शामिल होते हैं। यह परंपरा आज भी पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ निभाई जाती है।

महाकाल सवारी से अन्य जुड़ी जानकारी 
उज्जैन महाकालेश्वर के महाकाल की सवारी यात्रा सावन और भाद्रपद में निकाली जाती है। इस साल 2025 में महाकाल की सवारी 6 बार निकलेगी। महाकाल सवारी की शुरुआत राजा भोज ने की थी।