डॉ. गिरिजा व्यास का निधन: राजनीति, शिक्षा और समाजसेवा की एक युगांतकारी हस्ती ने कहा अलविदा
Girija Vyas Tribute: कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. गिरिजा व्यास का निधन। उदयपुर में हुआ अंतिम संस्कार, नेताओं ने दी श्रद्धांजलि। महिला सशक्तिकरण की रही मुखर आवाज।

राजस्थान की राजनीति और देश की सामाजिक चेतना को दिशा देने वाली शख्सियत, डॉ. गिरिजा व्यास अब हमारे बीच नहीं रहीं। गुरुवार को अहमदाबाद के एक अस्पताल में इलाज के दौरान उनका निधन हो गया। शुक्रवार को उनके पैतृक नगर उदयपुर में उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस अवसर पर कांग्रेस के दिग्गज नेता अशोक गहलोत, गोविंद सिंह डोटासरा, और टीकाराम जूली समेत कई बड़े नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
जनसेवा को समर्पित एक मृदुभाषी नेत्री
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी डॉ. व्यास के निधन को "राज्य की राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति" बताया। उन्होंने कहा, "उनका जीवन जनसेवा को समर्पित रहा और वह हमेशा अपने मृदु व्यवहार और सादगी के लिए याद की जाएंगी।"
गहलोत ने बताया व्यक्तिगत क्षति
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर लिखा, "पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. गिरिजा व्यास का निधन हम सबके लिए अपूरणीय क्षति है। उन्होंने शिक्षा, राजनीति और समाज सेवा में बड़ा योगदान दिया है। यह असमय जाना हम सभी के लिए गहरा आघात है।"
आरती के समय हादसा बना अंतिम सफर की शुरुआत
परिवार के अनुसार, 31 मार्च को उदयपुर स्थित उनके घर में आरती करते समय वह झुलस गई थीं। पहले उन्हें उदयपुर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, फिर हालत गंभीर होने पर अहमदाबाद रेफर किया गया। इलाज के दौरान 2 मई को उनका निधन हो गया।
महिला सशक्तिकरण की मुखर आवाज
डॉ. गिरिजा व्यास न केवल कांग्रेस की जानी-मानी नेता थीं, बल्कि वह महिला आयोग की अध्यक्ष, पूर्व केंद्रीय मंत्री, और कई बार विधायक और सांसद भी रह चुकी थीं। उनका योगदान खासतौर पर महिला अधिकारों, शिक्षा और सामाजिक सुधारों के क्षेत्र में अत्यंत उल्लेखनीय रहा।
उनकी विरासत रहेगी प्रेरणा का स्रोत
उनकी राजनीति से परे एक शिक्षिका, कवियत्री और समाजसेवी की पहचान भी थी। उन्होंने राजनीति में सौम्यता, संवाद और संवेदना की भाषा को जिंदा रखा। उनका जाना केवल एक नेता की मौत नहीं, बल्कि एक विचारधारा की चुप्पी है।