अगर राजस्थान के योद्धा न होते तो सब हरी टोपी में होते!" - बेनीवाल के बयान पर मचा बवाल
Hanuman Beniwal Controversy: हनुमान बेनीवाल के राजस्थान के इतिहास पर दिए विवादित बयान ने राजनीतिक हलकों में मचाई खलबली। मदन राठौड़ और राजपूत समाज ने जताया विरोध। पढ़ें पूरी खबर भावनाओं से भरी भाषा में।

राजस्थान की राजनीति एक बार फिर गर्मा गई है। आरएलपी प्रमुख और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल के एक विवादित बयान ने सामाजिक और राजनीतिक हलकों में गहरी हलचल मचा दी है। जयपुर में एसआई भर्ती परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर चल रहे धरने के दौरान बेनीवाल ने इतिहास पर ऐसी टिप्पणी कर दी, जो अब उन्हें भारी पड़ती दिख रही है।
बेनीवाल का कहना था कि, "राजस्थान में एक-दो लोगों ने ही लड़ाइयां लड़ी हैं, बाकी तो मुगलों के आगे दंडवत हो जाते थे।" इस बयान के बाद से ही उनकी आलोचना हर ओर से शुरू हो गई है, खासकर सोशल मीडिया पर लोग उन्हें जमकर घेर रहे हैं। इतिहास की इस व्याख्या को न केवल अपमानजनक माना जा रहा है, बल्कि राजपूत समाज ने भी इसे अपनी अस्मिता पर हमला करार दिया है।
मदन राठौड़ का पलटवार: 'पढ़ेंगे नहीं तो ज्ञान कैसे बढ़ेगा'
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने बेनीवाल के बयान को "कुंठित मानसिकता" का प्रतीक बताते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "अगर इतिहास पढ़ेंगे तो राणा सांगा, राणा कुम्भा, पृथ्वीराज चौहान, अमरसिंह राठौड़, दुर्गादास जैसे अनगिनत वीर योद्धा मिलेंगे। पढ़ना जरूरी है, लेकिन उनके पास तो दूसरों की बुराई करने से ही फुर्सत नहीं है।"
राठौड़ ने तंज कसते हुए कहा कि जिन लोगों को खुद का इतिहास नहीं पता, वो दूसरों को क्या सिखाएंगे। यह बयान न सिर्फ बेनीवाल के लिए चेतावनी है, बल्कि आम जनता को भी सोचने पर मजबूर करता है कि राजनीति में कितनी संवेदनशीलता होनी चाहिए।
मारवाड़ राजपूत सभा का भी फूटा गुस्सा
मारवाड़ राजपूत सभा के अध्यक्ष हनुमान सिंह खांगटा ने भी तीखा विरोध दर्ज कराया। उन्होंने कहा, "ऐसी ओछी मानसिकता रखने वाला व्यक्ति जब संवैधानिक पद पर बैठा हो, तो यह पूरे समाज के लिए शर्म की बात है। बेनीवाल पर्दे के पीछे खुद सौदेबाजी करते हैं और अब दूसरों को नीचा दिखा रहे हैं। अगर राजस्थान के योद्धा नहीं होते तो आज हम मुगलों की संस्कृति में गुम हो जाते।"
राजपूत समाज की यह प्रतिक्रिया केवल परंपरा की रक्षा नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को अपने गौरवशाली इतिहास से जोड़ने का आह्वान भी है।
बेनीवाल का बयान जो बना विवाद की जड़
हनुमान बेनीवाल ने धरनास्थल पर पत्रकारों से बातचीत में कहा था, "मुगल जब हमला करने आते थे तो कई लोग 60-70 किलोमीटर पहले जाकर कह देते थे कि मत आइए। कुछ तो अपनी बेटियों को आगे कर देते थे। सिर्फ महाराणा प्रताप और राजा सूरजमल ने ही असली लड़ाइयां लड़ी थीं।"
इस बयान ने न सिर्फ इतिहासप्रेमियों को आहत किया, बल्कि सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग का ऐसा सिलसिला शुरू हुआ जो थमने का नाम नहीं ले रहा।