जयपुर जलने को तैयार! SI पेपर लीक पर हनुमान बेनीवाल की हुंकार...अब दिल्ली भी दूर नहीं!
Hanuman Beniwal Rally: राजस्थान में SI भर्ती पेपर लीक विवाद पर RLP नेता हनुमान बेनीवाल ने 25 मई को जयपुर में विशाल हुंकार रैली का ऐलान किया है। युवा आक्रोश और न्याय की लड़ाई अब सड़कों तक पहुंच चुकी है।

Rajasthan Si Exam: राजस्थान की एसआई भर्ती परीक्षा 2021 एक बार फिर विवादों के घेरे में है। पेपर लीक से गुस्साए युवाओं के सब्र का बांध अब टूट चुका है। वर्षों से तैयारी कर रहे उम्मीदवार अब खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। यही कारण है कि जब राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के नेता और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने आवाज उठाई, तो हज़ारों युवाओं की उम्मीदें उनसे जुड़ गईं।
25 मई को जयपुर में हुंकार रैली, आंदोलन का ऐलान
हनुमान बेनीवाल ने 25 मई को जयपुर में ‘हुंकार रैली’ आयोजित करने की घोषणा की है। यह रैली सिर्फ एक विरोध सभा नहीं, बल्कि एक जनांदोलन बनने जा रही है। उनका साफ कहना है कि जब तक सरकार इस भर्ती प्रक्रिया को रद्द नहीं करती और जिम्मेदारों पर कार्रवाई नहीं होती, तब तक वे पीछे नहीं हटेंगे।
आर-पार की लड़ाई, सरकार को चेतावनी
बेनीवाल ने अपने तीखे बयान में कहा, “इस बार आर-पार की लड़ाई होगी। सरकार अगर युवाओं को नजरअंदाज करती रही तो जयपुर की सड़कों पर आक्रोश उमड़ पड़ेगा।” उन्होंने आगे कहा कि युवा अब जाग चुके हैं, और अगर आवश्यकता पड़ी तो ये आंदोलन दिल्ली तक कूच करेगा।
इतिहास का हवाला, संघर्ष की तैयारी
अपने भाषण में बेनीवाल ने महाराणा प्रताप, महाराज सूरजमल, और भगत सिंह जैसे वीरों का ज़िक्र करते हुए खुद को एक लड़ाका नेता बताया। उन्होंने कहा, “मेरे खून में वही जज़्बा है, मैं अन्याय के खिलाफ लड़ना जानता हूं।” यह बयान न सिर्फ भावनाओं को छूता है, बल्कि युवाओं के भीतर मौजूद आक्रोश को भी दिशा देता है।
कोर्ट की डेडलाइन, सरकार पर दबाव
राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को 26 मई तक फैसला लेने को कहा है। कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा है कि अगर तय समय में निर्णय नहीं लिया गया तो संबंधित अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। ऐसे में सरकार पर दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है।
20 मई को कैबिनेट बैठक, सियासत गरमाई
इस मुद्दे पर राज्य सरकार ने 20 मई को मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक बुलाई है, जो पहले 21 को होनी थी। इस बैठक में एसआई भर्ती परीक्षा से जुड़े निर्णय लिए जा सकते हैं। लेकिन बेनीवाल साफ कह चुके हैं—अगर फैसला युवाओं के हक में नहीं हुआ, तो अगला पड़ाव दिल्ली होगा।