राजस्थान के वीरों का अपमान? हनुमान बेनीवाल के बयान पर बवाल, भाटी बोले– जनता जवाब देगी
हनुमान बेनीवाल के राजस्थान के राजाओं पर दिए बयान से मचा बवाल, करणी सेना से लेकर बीजेपी तक नाराज, रवीन्द्र भाटी ने दी तीखी प्रतिक्रिया।

जयपुर। नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल अक्सर अपने बेबाक बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं लेकिन इस बार उन्होंने ऐसा बयान दे दिया है। जिससे वह चौतरफा घिरते नजर आ रहे हैं। बीते दिनों एक मीडिया चैनल से बातचीत करते हुए बेनीवाल ने कहा, अगर इतिहास के पन्नों को पलटकर देखा जाए तो राजस्थान में ज्यादा जंग नहीं लड़ी गई है। लड़ने वाले में एक-दो राजाओं का नाम ही है। उन्होंने ये तक कह दिया, महाराज सूरजमल के अलावा ज्यादातर राजाओं ने युद्ध करने से ही मना कर दिया था। वो लोग सेटलमेंट के बदले अपनी बहन-बेटियों को आगे कर देते थे। उनके इस बयान पर जमकर किरकरी हो रही है। बीजेपी से लेकर करणी सेना यहां तक रविन्द्र सिंह भाटी ने भी इस पर नारजगी जाहिर की है।
रविन्द्र सिंह भाटी ने दी बेनीवाल को नसीहत
रविन्द्र सिंह भाटी से जब हनुमान बेनवाल के बयान से जुड़ा सवाल किया गया तो भाटी ने कहा, राजस्थान की धरती वीरों की धरती है। रामधारी सिंह दिनकर ने कहा था, राजस्थान जैसा पूरे विश्व में कोई नहीं है। यहां की माटी ने हर बार बलिदान दिया है। चाहे महिलाएं हो या फिर पुरुष। राजस्थान की रक्षा में उन्होंने अपने प्राण न्योछावर कर दिए। ऐसे में राजस्थान के लिए इस तरह की टिप्पणी करना बिल्कुल गलत है। इस बयान पर उनको विचार करने की जरूरत है। आप राजनीति करो। हर इंसान अलग तरह से राजनीति करता है लेकिन इस तरह इतिहास पर सवाल खड़े करना बिल्कुल भी जायज नहीं है। अगर वह ऐसी ही बयानबाजी करते हैं तो जनता मालिक है। जनता सब जानती है।
क्या बोले थे हनुमान बेनीवाल ?
गौरतलब है, एक मीडिया चैनल को इंटरव्यू देते हुए हनुमान बेनीवाल ने कहा था, राजस्थान में कुछ ही राजा थे जिन्होंने असल में जग लड़ी है। बाकि तो सेटलमेंट यानी समझौता मान गये। जब मुगलों की सेना आती है तो कई राजा उन्हें 80 किलोमीटर पहले ही रोक देते थे और कहते थे यहां आने की जरूरत नहीं है। वहीं रुको हम आ रहे हैं। वो अपनी बहन-बेटियों को ले जाते थे। मुगलों से संबंध बनाते थे और राजसुख के मजे लेते थे। इतना ही नहीं बेनीवाल ने लोगों को इतिहास पढ़ने की नसीहत भी दे डाली। जिस पर अब बवाल खड़ा हो गया है।