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हिमाचल में आपदाओं पर केंद्र की सख्त नजर, अमित शाह ने गठित की बहु-क्षेत्रीय केंद्रीय टीम

केंद्र सरकार का आपदा प्रबंधन में सक्रिय योगदान

हिमाचल में आपदाओं पर केंद्र की सख्त नजर, अमित शाह ने गठित की बहु-क्षेत्रीय केंद्रीय टीम

नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश में बाढ़, बादल फटने और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने तत्काल एक बहु-क्षेत्रीय केंद्रीय विशेषज्ञ टीम के गठन के निर्देश दिए हैं। यह टीम हिमाचल में आपदाओं के कारण हो रहे नुकसान का वैज्ञानिक और तकनीकी आधार पर गहन अध्ययन करेगी।

यह होंगे टीम में 
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA)
केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (CBRI), रुड़की
भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान (IITM), पुणे
भूविज्ञानी व पर्यावरण विशेषज्ञ
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), इंदौर

बगैर राज्य के ज्ञापन के भेजा दल
केंद्र सरकार ने हिमाचल के नुकसान का आकलन करने के लिए 18 से 21 जुलाई 2025 तक एक अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय दल (IMCT) पहले ही भेज दिया है। आमतौर पर राज्य सरकार की रिपोर्ट का इंतजार किया जाता है, लेकिन इस बार स्थिति की गंभीरता को देखते हुए केंद्र ने स्वयं कार्रवाई की है।

केंद्र सरकार का आपदा प्रबंधन में सक्रिय योगदान
2023 के नुकसान की भरपाई के लिए 2006.40 करोड़ रुपए मंजूर
7 जुलाई 2025 को 451.44 करोड़ की पहली किस्त जारी
18 जून 2025 को SDRF के तहत 198.80 करोड़ रुपए की पहली किस्त जारी
13 टीम NDRF की तैनाती
वायुसेना और सेना की मदद से राहत व बचाव अभियान तेज

अमित शाह ने कहा 
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा— "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार आपदा के समय राज्यों के साथ बिना किसी भेदभाव के मजबूती से खड़ी है। हिमाचल में हो रही प्राकृतिक आपदाओं की आवृत्ति और तीव्रता पर कड़ी नजर रखी जा रही है।"

क्यों जरूरी है ये कदम?
हिमाचल में बीते कुछ सालों में बाढ़, भूस्खलन और बादल फटने जैसी आपदाओं की घटनाओं में तेजी आई है। इससे जनहानि, पर्यावरण क्षरण और बुनियादी ढांचे को गंभीर नुकसान हो रहा है। केंद्र सरकार का यह कदम भविष्य में ऐसी आपदाओं से निपटने के लिए ठोस नीति बनाने की दिशा में बड़ा प्रयास माना जा रहा है।