Rajasthan: किरोड़ी लाल मीणा को मिला जनता का साथ ! सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस, यूजर्स ने लगाई सरकार को फटकार
किरोड़ी लाल मीणा को बीजेपी का नोटिस: फोन टैपिंग के आरोपों पर मचा बवाल, सोशल मीडिया पर बहस छिड़ी! जानिए क्या है पूरा मामला और लोगों की प्रतिक्रियाएं।

जयपुर। भजनलाल सरकार और मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के बीच तनातनी बढ़ गई है। यही कारण है, केंद्रीय नेतृत्व के आदेश के बाद राजस्थान बीजेपी द्वारा बाबा किरोड़ी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। साथ ही तीन दिन के भीतर जवाब देने का आदेश है। बीते दिनों बाबा ने अपनी ही सरकार फोन टैपिंग के साथ जासूसी करने का गंभीर आरोप लगाया था। इस मसले को राजनीतिक पंडित कई नजरों से देख रहे हैं लेकिन इसी बीच सोशल मीडिया पर इस बारे में बहस शुरू हो गई है। कोई किरोड़ी लाल मीणा के साथ खड़ा दिखाई दे रहा है तो कोई उन्हें गलत बता रहे हैं।
सोशल मीडिया पर छाया बाबा किरोड़ी का मुद्दा
Arjun Mehar नाम के ट्विटर हैंडल ने लिखा- बाबा किरोड़ी लाल मीणा सिर्फ एक नेता नहीं, बल्कि खुद एक “नोटिस” हैं!
बीजेपी ने बाबा को कारण बताओ नोटिस भेजा है, लेकिन कोई इस पार्टी के आलाकमान को जाकर बताओ कि राजस्थान की जनता की आवाज़ और आदिवासी मीणा हाई कोर्ट के संरक्षक किरोड़ी लाल मीणा जी ही ख़ुद एक नोटिस हैं! राजस्थान की जनता और युवा 2028 में बीजेपी से खुद कारण बताओ नोटिस माँगेंगे कि जिन मुद्दों पर सत्ता में आए थे, उन पर चुप क्यों रहे? जिन्होंने संघर्ष किया, उन्हें सम्मान क्यों नहीं दिया? और जिनके दम पर सरकार बनी, उन्हें हाशिए पर क्यों रखा?जनता का नायक, जनता का प्रहरी, जनता का सच्चा सेवक हमेशा जनता के साथ खड़ा रहता है और जननायक तो जननायक ही रहेगा!
डॉक्टरों किरोडीलाल मीणा के तेवर और लोकप्रियता ने उनसे बहुत कुछ छीना है।
?️ भर्ती लोकप्रियता के डर से ही भजनलाल शर्मा और राजेन्द्र राठौर को प्यारी लगने लगी।
?️ मुख्यमंत्री या फिर उपमुख्यमंत्री की कुर्सी ही उनकी लोकप्रियता के चलते षडयंत्रों की भेंट चढ़ी
Maniram Meena लिखते हैं- डॉक्टरों किरोडीलाल मीणा के तेवर और लोकप्रियता ने उनसे बहुत कुछ छीना है।si भर्ती लोकप्रियता के डर से ही भजनलाल शर्मा और राजेन्द्र राठौर को प्यारी लगने लगी।मुख्यमंत्री या फिर उपमुख्यमंत्री की कुर्सी ही उनकी लोकप्रियता के चलते षडयंत्रों की भेंट चढ़ी।
डॉ. किरोड़ी लाल मीणा: जनता की वो आवाज़, जिसे दबाने की कोशिश हो रही है.!
राजस्थान की राजनीति में अगर कोई नेता सच्चे अर्थों में जनहित के लिए लड़ा है, तो वह आदिवासी मीणा समुदाय से आने वाले बाबा डॉ. किरोड़ी लाल मीणा हैं.!
जब गहलोत सरकार के राज में बीजेपी रूपी विपक्ष पूरी तरह…
Niranjan Meena ने एक्स पर पोस्ट किया- डॉ. किरोड़ी लाल मीणा: जनता की वो आवाज़, जिसे दबाने की कोशिश हो रही है! राजस्थान की राजनीति में अगर कोई नेता सच्चे अर्थों में जनहित के लिए लड़ा है, तो वह आदिवासी मीणा समुदाय से आने वाले बाबा डॉ. किरोड़ी लाल मीणा हैं! जब गहलोत सरकार के राज में बीजेपी रूपी विपक्ष पूरी तरह निष्क्रिय था तब उन्होंने अकेले राजस्थान की जनता के लिए संघर्ष किया, आंदोलनों की अगुवाई की और सड़कों पर उतरकर सरकार को घुटनों पर लाने का काम किया। चाहे वह युवाओं के हक की बात हो, महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे हों या फिर भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई—डॉ. किरोड़ी लाल हमेशा जनता के साथ खड़े रहे!लेकिन अब, जब उनकी ही पार्टी की सरकार बनी है तो वही सरकार उनके उठाए गए मुद्दों पर चुप्पी साधे बैठी है.! इससे भी दुखद यह है कि अब पार्टी ही उन्हें चुप कराने की कोशिश कर रही है.
डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने ना कभी भैरोसिंह शेखावत के सामने सिर झुकाया, ना वसुंधरा राजे के आगे और अब ना ही “पर्ची मुख्यमंत्री” के दबाव में आएंगे.!उनका संघर्ष किसी पद के लिए नहीं, बल्कि राजस्थान की जनता, बेरोजगारो के हक के लिए है
— Saroj Meena (@Sanubyadwal)Saroj Meena ट्वीट करते हुए कहती हैं- डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने ना कभी भैरोसिंह शेखावत के सामने सिर झुकाया, ना वसुंधरा राजे के आगे और अब ना ही “पर्ची मुख्यमंत्री” के दबाव में आएंगे.!उनका संघर्ष किसी पद के लिए नहीं, बल्कि राजस्थान की जनता, बेरोजगारो के हक के लिए है #मुख्यमंत्री_भजनलाल_इस्तीफा_दो