अब पूरे देश में होगा वोटर वेरिफिकेशन
चुनाव आयोग ने जारी किया देशव्यापी सत्यापन अभियान का आदेश

नई दिल्ली। भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने देशभर में मतदाता सूची की गहन जांच और सत्यापन के लिए बड़ा फैसला लिया है। आयोग ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को निर्देश दिए हैं कि अगस्त 2025 से वोटर वेरिफिकेशन (Special Intensive Revision) अभियान चलाया जाए, ताकि फर्जी मतदाता पहचान और प्रविष्टियों को हटाया जा सके। आम चुनावों और आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए यह अभियान भारत के लोकतंत्र की शुद्धता सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
वोटर वेरिफिकेशन अभियान
इस विशेष सत्यापन अभियान का मुख्य उद्देश्य: फर्जी और दोहरी वोटर एंट्री हटाना,बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमार जैसे देशों से आए संदिग्ध नागरिकों की पहचान, नागरिकता, पहचान और निवास स्थान के प्रमाण के जरिए वैध मतदाता तय करना। चुनाव आयोग के इस अभियान के तहत सभी मतदाताओं को दस्तावेज जमा करने होंगे, जिनसे उनकी पहचान और नागरिकता की पुष्टि हो सके।
बिहार मॉडल से ली प्रेरणा
इस देशव्यापी फैसले की नींव बिहार में हाल ही में हुए सत्यापन अभियान ने रखी, जहां 35.6 लाख फर्जी नामों को मतदाता सूची से हटाने की प्रक्रिया जारी है। इसी तरह की सख्ती अब पूरे भारत में लागू होगी।
कौन से दस्तावेज मांग सकता है आयोग ?
आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, पासपोर्ट या ड्राइविंग लाइसेंस और अन्य सरकारी मान्य पहचान-पत्र