ज्योति का पर्दाफाश: यूट्यूबर नहीं, पाकिस्तान की सोशल मीडिया एजेंट! दानिश के इशारे पर चल रहा था खेल
पाकिस्तान हाई कमीशन की साजिश का खुलासा, यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा ने दानिश के इशारों पर किया जासूसी का काम। जानिए सोशल मीडिया कैसे बना भारत में प्रोपेगैंडा का जरिया।

भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने एक बड़े साइबर-जासूसी रैकेट का पर्दाफाश किया है, जिसमें प्रमुख भूमिका निभाई यूट्यूबर और व्लॉगर ज्योति मल्होत्रा ने। दिल्ली में पाकिस्तान हाई कमीशन में तैनात 'दानिश' नामक एक व्यक्ति के संपर्क में रही ज्योति, अब जासूसी और देशविरोधी गतिविधियों के आरोपों में गिरफ्तार हो चुकी है।
जांच एजेंसियों का दावा है कि ज्योति सिर्फ एक व्लॉगर नहीं, बल्कि पाकिस्तान के लिए डिजिटल स्पिन डॉक्टर की भूमिका निभा रही थी। उसका असली मकसद भारत में सोशल मीडिया पर पाकिस्तान के पक्ष में नैरेटिव बनाना थाखासकर तब, जब भारत में पाकिस्तान को लेकर गुस्सा चरम पर था।
'दानिश' ने बनाया था सोशल नेटवर्क
सूत्रों के अनुसार, दानिश ने भारत में कई सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसरों से संपर्क किया था। उनका टारगेट था — भारत के प्रभावशाली ऑनलाइन चेहरे, जिन्हें आर्थिक सहायता, ट्रैवल ऑफर और अन्य सुविधाओं के लालच में अपने एजेंडे में शामिल किया जा सके।
ज्योति मल्होत्रा इस जाल में गहराई तक फंसी। उसके पाकिस्तान टूर का पूरा खर्च पाक हाई कमीशन ने उठाया, और वहां की गतिविधियों को सोशल मीडिया पर 'इंडियन फ्रेंडशिप' और 'शांति का संदेश' के रूप में परोसा गया।
पहलगाम हमले के बाद भी जारी रहा संपर्क
पहलगाम आतंकी हमला, जिसमें पाकिस्तान की भूमिका पर सवाल उठे, उसी दौरान भी ज्योति और दानिश के बीच संपर्क बना रहा। जब देश गुस्से में था, ज्योति के सोशल मीडिया पोस्ट्स ने पाकिस्तान को पीड़ित और निर्दोष बताने की कोशिश की।
इस तरह, सोशल मीडिया को एक 'सॉफ्ट पावर टूल' की तरह इस्तेमाल किया गया, जिससे देश के भीतर ही पाकिस्तान को सपोर्ट करने वाला नैरेटिव फैलाया जा सके।
कश्मीर में संदिग्ध गतिविधियां
जांच में यह भी सामने आया है कि ज्योति ने कश्मीर में कुछ संदिग्ध व्यक्तियों से मुलाकात की थी। सुरक्षा एजेंसियां इस पहलू पर गहन जांच कर रही हैं यह जानने के लिए कि क्या उसका नेटवर्क किसी आतंकी या आईएसआई से जुड़ा हुआ था।
सोशल मीडिया को बनाया हथियार
ज्योति ने अपनी लोकप्रियता का इस्तेमाल करते हुए ऐसी पोस्ट्स, रील्स और वीडियो साझा किए, जिनमें पाकिस्तान को शांति और मानवता का प्रतीक दिखाने की कोशिश की गई। इस साजिश का हिस्सा बनने के लिए उसे न सिर्फ वित्तीय मदद मिली, बल्कि एक ‘देशभक्त यूट्यूबर’ के रूप में पर्दे के पीछे से निर्देश भी दिए जाते थे।
देश विरोधी साजिश पर कड़ी चेतावनी
इस मामले के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया है। लोग सवाल कर रहे हैं कि और कितने 'इन्फ्लुएंसर एजेंट्स' भारत में सक्रिय हैं? सुरक्षा एजेंसियां अब ज्योति के ईमेल, चैट्स, कॉल रिकॉर्ड्स और सोशल मीडिया डेटा की पूरी फॉरेंसिक जांच कर रही हैं।
एजेंसियों ने साफ कर दिया है कि यह महज़ डिजिटल धोखाधड़ी नहीं, राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा अपराध है। ऐसे सभी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, जो देश की एकता और अखंडता के खिलाफ काम कर रहे हैं।