पाकिस्तान की तोप, टैंक और तरकीबें सब 'मेड इन चाइना'! 81% हथियारों का ठेका सिर्फ एक देश के पास
Pakistan China arms supply: SIPRI की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान को 81% हथियार सिर्फ चीन से मिलते हैं। अमेरिका और इटली पीछे हट चुके हैं, टर्की और नीदरलैंड नए खिलाड़ी बन चुके हैं। जानिए पाकिस्तान की सैन्य निर्भरता का पूरा सच।

भारत को आंखें दिखाने वाले पाकिस्तान की सच्चाई बेहद चौंकाने वाली है। जिस देश की जुबान पर हर वक्त जंग का ज़िक्र रहता है, वह अपनी सैन्य शक्ति के लिए पूरी तरह एक ही देश पर निर्भर है और वह है चीन। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की ताजा रिपोर्ट इस बात की पुष्टि करती है कि पाकिस्तान को मिलने वाले 81% हथियार सिर्फ चीन से आते हैं।
चीन के बिना अधूरा है पाकिस्तान का रक्षा ढांचा
2020 से 2024 के बीच पाकिस्तान को मिले हथियारों में 81 फीसदी चीन से थे। इसके बाद बहुत पीछे रहकर नीदरलैंड (5.5%) और टर्की (3.8%) का स्थान आता है। दिलचस्प यह है कि साल 2009-2014 में यह चीनी हिस्सा सिर्फ 51% था जो अब लगभग दोगुना हो गया है। इसका सीधा मतलब है कि पाकिस्तान की सैन्य रीढ़ अब चीन के प्लान और प्रोडक्शन से जुड़ी है।
अमेरिका हुआ आउट, टर्की बना नया साथी
एक समय था जब अमेरिका पाकिस्तान का सबसे बड़ा हथियार सप्लायर हुआ करता था। 2009 से 2014 के बीच अमेरिका से 30% हथियार आते थे, लेकिन अब वह हिस्सेदारी 1% से भी नीचे गिर चुकी है। इसी तरह इटली भी अब पीछे छूट चुका है और उसकी जगह टर्की व नीदरलैंड ने ले ली है।
टर्की और पाकिस्तान: एक नई रणनीतिक दोस्ती
ऑपरेशन सिंदूर के बाद टर्की और अज़रबैजान ही थे जिन्होंने खुलकर भारत के कदम की आलोचना की। यही नहीं, 2014-2024 के बीच पाकिस्तान का टर्की को निर्यात भी 10% से ऊपर जा चुका है। दोनों देशों की सामरिक और व्यापारिक साझेदारी अब "साझेदार" से कहीं ज़्यादा बन चुकी है।
हथियारों की दुनिया में पाकिस्तान की बड़ी हैसियत
पाकिस्तान 2020-2024 में दुनिया का 5वां सबसे बड़ा हथियार खरीदार रहा। उसकी वैश्विक हिस्सेदारी 4.6% तक पहुंच चुकी है, जो 2015-19 में सिर्फ 2.8% थी। आर्थिक संकट से जूझते हुए भी पाकिस्तान अपनी GDP का 2.8% रक्षा पर खर्च करता है जो लो-मिडल इनकम देशों के औसत 1.8% से काफी ज़्यादा है।
भारत के खिलाफ सिर्फ शब्द नहीं, चीन का सामान इस्तेमाल कर रहा पाकिस्तान
अब यह साफ है कि पाकिस्तान के पास जो भी हथियार हैं चाहे ड्रोन हों, मिसाइल सिस्टम हो या आधुनिक तकनीक वे चीन की देन हैं। लेकिन सवाल ये भी है: जब एक देश पूरी तरह दूसरे पर निर्भर हो, तो क्या वह वास्तव में "तैयार" होता है, या "कठपुतली"?